Emotional Hindi Poetry,लम्हा तेरी याद का
Emotional Hindi Poetry,लम्हा तेरी याद का
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हर रात दस्तक देता है
रहता तू मेरे अंदर ही कहीं हैं
तो क्यों हर रात मेरे दिल पर दस्तक देता है
रहता तू मेरे अंदर ही कही है
तो क्यों तुम्हारे बगैर मैं अपने आप को
अधूरा सा महसूस करता हूं
लम्हा तेरी याद का सोने न देता है
तेरी यादें, मेरी पलकें भिगो जाती है
हर चेहरे में, मैं तुझे ही तलाशता हूं
तेरे बगैर यह घर, घर नहीं लगता
लम्हा तेरी याद का, सोने न देता है
तुम्हें दूर जाना ही था ,तो अपनी यादें लेते जाते
तुम्हें दूर जाना ही था, तो मेरे करीब ना आते
मुझे अपना ना बनाते हैं
मेरे दिल ने मुझसे, बगावत कर दी है
मेरा दिल तुम्हारी, धड़कने सुनना चाहता है
फिर तुम्हारे करीब, आना चाहता है
लम्हा तेरी याद का, सोने न देता है
अब अंधेरे में रहना मुझे अच्छा लगता है
दिन और रात का फर्क, अब पता नहीं चलता
मुझे मालूम है
तुम्हारे लिए मेरी खुशियां ही, सब कुछ थी
पर तुम्हारी यादों को, कहां छोड़ आऊ
यह तो मेरे अंदर ही कही है
लम्हा तेरी याद का सोने न देता है
-Avinash Shahi~Hindi Jazbaat~