Best Motivational Poetry,वह कहता रहा
Best Motivational Poetry,वह कहता रहा
वह कहता रहा
यहाँ कामयाब होने के लिए बहुत कुछ गवाना पड़ता है
अपने सपनों को भूल कर इस दुनिया के अनुसार चलना पड़ता है
मैंने भी अपने सपनों की कीमत बढ़ा ली
अपने अंदर की मासूमियत को दुनिया से बचाए रखा
अपनी सादगी को अपनी कमजोरी नहीं बनने दिया !!!!!
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वह कहता रहा
आ जाओ मेरी छांव में
तुम्हारी तकलीफ कम हो जाएगी
हर चीज की कीमत है
तुम अपनी कीमत बताओ ??
मैंने भी अपने जख्मों को देखा
और मुस्कुरा कर कहा
यहां आगे बढ़ने का जज्बा और जिंदगी का यह तजुर्बा
आसान रास्तों पर चलकर नहीं मिलता
ना तुम्हारी परछाई में आगे बढ़ कर मिलता
हर चीज की कीमत है
पर मेरे जमीर पर सिर्फ मेरा हक है
मेरे यह सपने किसी बंधन के मोहताज नहीं
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वह कहता रहा…. वह कहता रहा …..
और मुझे गिराने की कोशिश में नाकामयाब होता रहा…होता रहा…
मेरे पास खोने के लिए कुछ भी नहीं था
ना ही लोगों का हुजूम था मेरे साथ
जो मेरी रफ्तार कम करता
“मैं अकेला था “
यह लड़ाई भी मेरी खुद से थी और जितना भी मैं खुद ही से चाहता था
-अविनाश शाही

