Hindi Poetry on First Love,पहला प्यार
Hindi Poetry on First Love,पहला प्यार
तुम्हें चाहने वाले बहुत हैं
तुम्हारी बातों पर एतबार करने वाले बहुत हैं
तुम समुद्र हो और मैं एक छोटी सी नदी
मुझे डर है कहीं तुम से मिलने से
मैं अपने आपको ना खो दूं
तुमने मेरी जिंदगी में आकर
मुझे प्यार के मायने समझाएं
मुझे प्यार का एहसास करवाया
बस हालात कुछ ऐसे थे अब हम साथ नहीं
मुझे तुमसे कोई शिकायत नहीं
आखिर जिससे प्यार हो उससे शिकायत कैसी
बस शिकायत अपने आप से है
अपनी धड़कनों से है
जो तुम्हारा नाम भर जहन में आ जाने से
मेरे काबू में नहीं रहती
यह रात भी अब मेरी नहीं सुनती
मैं इसे लाख समझाता हूं कि
तुम्हारी यादें साथ ना लाया करें
पर फिर भी ना जाने क्यों
ये भी तुम्हारी ही वफादार है
बस तुमसे एक ही गुजारिश है मेरी
कभी जिंदगी में हम किसी मोड़ पर मिले
तो मुझे पहचान जरूर लेना
मैं समझ जाऊंगा कि
तुम्हारे दिल के किसी कोने में
मैं अब भी कहीं जिंदा हूं
तुम जितने भी समय के लिए
मेरी जिंदगी में आए थे
वह सबसे खूबसूरत पल थे
मुझे तुमसे कोई शिकायत नहीं
बस अब यह रातें करवटें बदलते गुजरती है
और यह गुमनाम रास्ते अपने से लगते हैं
बस यह अधूरी जिंदगी ,अधूरे ख्वाब,मुझे अपने से लगते हैं
आखिर पहला प्यार इतनी आसानी से
भुलाया भी तो नहीं जा सकता
और जो वक्त हमने साथ गुजारे
वह रह रह कर बहुत याद आते हैं
पता नहीं क्यों ?
यह बदलाव बहुत तकलीफ भरा है
आखिर तुमने भी तो मुझे रोकने की कोशिश नहीं की
सबको सब कुछ कहा मिलता है
कई बार हम जीत कर भी हार जाते हैं
और कई बार हम हार कर भी जीत जाते हैं
-Avinash Shahi