Hindi Poetry on Life,जितना है उतना काफी है
Hindi Poetry on Life,जितना है उतना काफी है
ख्वाहिशों का कहां अंत होता है,
सब कुछ कहां किसी को नसीब होता है,
जीवन की धारा के साथ जीना ही तो जीना है,
परिस्थितियां कहां हमारे बस में होती है,
जितना है उतना काफी है जिंदगी जीने के लिए !
हर खुशी किसी को कहां नसीब होती है,
उतार-चढ़ाव किसके जिंदगी में नहीं होता,
कौन ऐसा है जो परिस्थितियों से नहीं लड़ता,
बिना गिरे कौन भागना सीखता है,
बिना दुख के सुख का एहसास किसको होता है
मंजिल तक कहां पलक झपकते ही पहुचा जाता है !
यह दुनिया किसी को इतनी जल्दी कहां अपनाती है,
सच्चा प्यार इतनी आसानी से कहां मिलता है,
जितना है उतना काफी है जिंदगी जीने के लिए!
जितना है उतना काफी है आगे बढ़ने के लिए!
-Avinash Shahi~Hindi Jazbaat~