Sad Hindi Poetry,दूर का सितारा
Sad Hindi Poetry,दूर का सितारा
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आज फिर मेरे दिल के जज्बात मेरे होठों पर आते-आते रह गए.
आज फिर मैंने अपनी धड़कनों को समझा दिया.
आज फिर मैंने उसकी तरफ अपने बढ़ते कदम पीछे खींच लिए.
आज फिर मैं इस ख्याल से घबड़ा गया कि कहीं मैं उसकी दोस्ती भी ना खो बैठू.
यह कैसी दुनिया है जहां दिखावे की मोहब्बत है.
जहां खूबसूरती बाजारों में बिका करती है.
जहां सही और गलत में फर्क करना मुश्किल है.
जहां लोगों के दर्द को आप चाह कर भी कम नहीं कर सकते.
मैं चाह कर भी उसे अपना नहीं बना सकता.
हर मोहब्बत मुकर्रर हो यह जरूरी तो नहीं.
हर चाहत पूरी हो यह जरूरी तो नहीं.
वह दूर का सितारा है
मैं चाह कर भी उस तक नहीं पहुंच सकता
वह दूर का सितारा है
जो मुझे अपना बना गया
मेरी यह जिंदगी अधूरी ही सही
मेरे ये जज्बात अधूरे ही सही
मेरी यह मोहब्बत अधूरी ही सही
वह दूर का सितारा है…दूर का
-Avinash Shahi~Hindi Jazbaat~
2 Comments
Shamal
Khuch din bure bi hote hai.
Sb ache ho jruri todi hai..
Aaj kl khuch acha nhi lgta…
Koe apna hokr bi apna nhi lgta….
Jane zindgi muzse ruthi hai…..
Ya me zindagise……
Pta bi nhi lgta……..
😔🖋👀………
Avinash Shahi
Bahut Badhiya Likha hai Apne 🙂