- Emotional Hindi Poetry, Emotional Hindi Shayari, Motivational Hindi Poetry, Motivational Hindi Shayari
Hindi Motivational Lines
सपने देखना भी चाहता हूं(Hindi Motivational Poetry)
सपने देखना भी चाहता हूं
उन्हें पूरा करना भी चाहता हूंइन सपनों पर अपनी सारी कोशिशें
लुटाना भी चाहता हूंरास्ते तो बहुत है कामयाबी के
पर जिंदगी में निखरना भी चाहता हूंअपने आप को साबित करना भी चाहता हूं
लड़ाई मेरी खुद से है
जितना भी खुद ही से चाहता हूं
आगे निकलना भी
खुद ही से चाहता हूंसपने देखना भी चाहता हूँ
उन्हें पूरा करना भी चाहता हूँ-Avinash Shahi
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कभी यह मत भूलना
(Hindi Motivational Poetry)
कभी यह मत भूलना
कि आप कहा से उठे होकभी यह मत भूलना
कि वक्त कभी भी एक सा नहीं रहताकभी यह मत भूलना कि
आप के सहारे की भी किसी को जरूरत हैकभी यह मत भूलना
कि कोई आपका भी इंतजार कर रहा है
कोई आपसे भी प्यार करता हैकभी यह मत भूलना कि
यह जिंदगी सिर्फ तुम्हारी नहीं है
तुम्हारे साथ कई रिश्ते जुड़े हैंकभी यह मत भूलना
कि महज़ आगे बढ़ना ही सब कुछ नहीं है
सुकून की नींद भी जरूरी हैकभी यह मत भूलना
कि आपकी मुस्कुराहट
किसी की जिंदगी बदल सकती हैकभी यह मत भूलना
-Avinash Shahi
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Hindi Poetry On Life,कब ऐसा चाहा मैंने
Hindi Poetry On Life,कब ऐसा चाहा मैंने
(Video Link)
कब ऐसा चाहा मैंनेकी ये दुनिया मेरे साथ कठोर न बने
की जिंदगी के इन रास्तो पे मेरे पैरो पे छाले न पड़े
की जो मैं सोचु वो मुराद मेरी पूरी हो जाए
की मुझे कभी कोई गम न मिले
कब ऐसा चाह मैंने
के इस तपती धुप मे भी मुझे छाया मिले
के हर परेशानी मे कोई मेरा सहारा बने
के हर कोई मेरे जज्बातों की क़द्र करे
के ये दुनिया मेरे साथ कठोर न बने
कब ऐसा चाह मैंनेमै हर रास्ते पर अकेला ही चला
मैं किसी परिस्थिति मे हिम्मत नहीं हारा
मै अपनी जिंदगी का निर्माता खुद हु
मैंने कभी भी सच से अपना मुह नहीं फेरा
हर दिन थकता, हर दिन गिरता, हर दिन उठता
मैंने न किसी से सहारा माँगा
न कभी किसी से सहारे की उम्मीद करी
नदी की धारा की तरह हर परिस्थिति के अनुसार अपने आप को ढालता रहा
बस मन मे अपने सपने लिए निकल पड़ा मै
रातो को जगता कभी
और कई राते करवटे बदलते गुजार देता
यह सपने मेरे अपने है
इन्होने मुझे सोने न दिया
यकीं है मुझे खुद पे
न ही रुकना जानता हु,न ही झुकना
इस जीवन के इम्तेहान मेबस जीतना जानता हु
बस जीतना जानता हु-Avinash Shahi~ Hindi Jazbaat~
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Hindi Poetry on Life,जितना है उतना काफी है
Hindi Poetry on Life,जितना है उतना काफी है
ख्वाहिशों का कहां अंत होता है,
सब कुछ कहां किसी को नसीब होता है,
जीवन की धारा के साथ जीना ही तो जीना है,
परिस्थितियां कहां हमारे बस में होती है,
जितना है उतना काफी है जिंदगी जीने के लिए !
हर खुशी किसी को कहां नसीब होती है,
उतार-चढ़ाव किसके जिंदगी में नहीं होता,
कौन ऐसा है जो परिस्थितियों से नहीं लड़ता,
बिना गिरे कौन भागना सीखता है,
बिना दुख के सुख का एहसास किसको होता है
मंजिल तक कहां पलक झपकते ही पहुचा जाता है !
यह दुनिया किसी को इतनी जल्दी कहां अपनाती है,
सच्चा प्यार इतनी आसानी से कहां मिलता है,
जितना है उतना काफी है जिंदगी जीने के लिए!
जितना है उतना काफी है आगे बढ़ने के लिए!
-Avinash Shahi~Hindi Jazbaat~
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Hindi Poetry on Zindagi,मेरी मजबूरी को समझो
Hindi Poetry on Zindagi,मेरी मजबूरी को समझो
मेरी मजबूरी को समझो,
मुझे झुकना नहीं आता,
कभी हार मानना नहीं आता,
परिस्थितियाँ कैसी भी हो,
मुझे टूटना नहीं आता!
मेरी मजबूरी को समझो
मैं कैसे अपने आप को दुनिया की तरह बदल लू,
मैं कैसे आसान रास्तों को ही चुन लू,
मैं कैसे झूठे लोगों से मुस्कुराहट लिए मिलू!
मेरी मजबूरी को समझो,
मुझे दुनिया की यह चकाचौंध अच्छी नहीं लगती,
मेरी चाहते कुछ अलग है,
मैं बस लोगों के चेहरे पर मुस्कुराहट चाहता हूं,
मुझे अच्छा लगता है किसी अनजान सफर पर निकल पड़ना
और कुछ अनजान लोगों से बातें करना!
मेरी मजबूरी को समझो
मैं जानता हूं पहले अपने आप को पाने के लिए इन राहों पर भटकना होगा,
संभलना होगा और अपने आपको खोना होगा!
मेरी मजबूरी को समझो
मैं इस दुनिया में कुछ अलग पहचान बनाने आया हूं,
मुझे प्यार के बंधन में ना बांधो,
बस मेरे साथ रहो,
मेरे साए की तरह,
मुझे पहले अपने आप को पा लेने दो,
अपना मकसद तलाश लेने दो,
कुछ अपनी पहचान बना लेने दो,!
मेरी मजबूरी को समझो!
मेरी मजबूरी को समझो!
Avinash Shahi~Hindi Jazbaat~
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Hindi Poetry on Life, यह एक नई शुरुआत है…
Hindi Poetry on Life,
यह एक नई शुरुआत है…
नए रास्ते, नए सपने, नए हम
जीवन की धारा के साथ बहते रहे हम
कुछ भूल गए ,कुछ को भुला दिया
और बढ़ते रहे हम
यह एक नई शुरुवात है
किन बातों पर दुखी रहूँ
क्यों परिस्थितियों को कोसू
चलना मेरा कर्तव्य है
बस चलते रहे हम
यह एक नई शुरुआत है
सीखता गया मैं अपनी हर ठोकर से
ना रुका कभी, ना झुका कही
ना कभी ठहरा कही
बस आगे बढ़ते रहे हम
यह एक नई शुरुआत है
हर दिन नई उमंग लिए चले हम
कठिन रास्तों को भी तय करते चले हम
कई मिले ,कई भीड़ में कही गुम हो गए
ना मैंने अपना किसी के लिए रास्ता बदला
ना मैंने अपने आपको कहीं भीड़ में खोने दिया
यह एक नई शुरुआत है
नए रास्तों को गले से लगाया मैंने
हर जख्म और हर चोट से कुछ न कुछ सीखता गया
जीवन का हर लम्हा मेरा अपना है
यह एक नई शुरुआत हैनए रिश्तो को अपनाया मैंने
जो साथ थे.. उनको ना भुलाया मैंने
ना किसी जाते हुए को रोका
हर किसी को दिल से लगाया मैंने
कुछ ने दर्द दिया
कुछ मेरे हो गए
यह एक नई शुरुआत है
हर सुबह कुछ सपने लिए उठूँ मैं
कुछ सपनों को पा लियाकुछ सपने कहीं टूट गए
कुछ सपनों ने सोने ना दिया
कुछ हकीकत हो गए
कुछ के पूरा ना होने का गम रहा
मैं अपने आप से जूझता ही रहा
आगे बढ़ता ही रहायह एक नई शुरुआत है
यह एक नई शुरुआत है
-Avinash Shahi~Hindi Jazbaat~