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Hindi Shayari on Life,जानते हो
जानते हो
अपने आपको पाने के लिए,
इस अंधेरे को अपनाना होगा!इस खामोशी से प्यार करना होगा,
इन वीरान रास्तों पर अकेले चलना होगा!सब कुछ मिलेगा यहां पर,
पहले खुद को खोना होगा!
इस अंधेरे को अपनाना होगा!-Avinash Shahi
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Sad Hindi Poetry ,सब अधूरा लगता है
सब अधूरा लगता है
तुम्हारे बिना यह घर सूना लगता है
अब यह चारदीवारी भी बेगानी सी लगती है
मेरी यह जिंदगी भी अधूरी सी लगती है
आ जाओ फिर लौट के
इस रिश्ते को दोबारा से सींचेंगे
तुम बस इस प्यार की डोर को थामे रखना
तुम बस मेरी चाहत पर विश्वास किये रखना
तुम्हारे बिना सब अधूरा लगता है
तुम्हारी यादें भी वक्त बेवक्त करीब आ ही जाती है
तुम्हारी बातें भी वक्त बेवक्त याद आ ही जाती है
आ जाओ फिर एक बार मुझे मुकम्मल कर दो
अधूरापन अब अच्छा नहीं लगता
टूटे ख्वाब अच्छे नहीं लगते
अधूरे सपने काटने को दौड़ते हैं
तुम्हारा होना ही मेरी मुकम्मल जिंदगी है
एक बार फिर से आ जाओ
एक बार फिर से आ जाओ
-Avinash Shahi ~Hindi Jazbaat~
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Hindi Poetry On Life,कब ऐसा चाहा मैंने
Hindi Poetry On Life,कब ऐसा चाहा मैंने
(Video Link)
कब ऐसा चाहा मैंनेकी ये दुनिया मेरे साथ कठोर न बने
की जिंदगी के इन रास्तो पे मेरे पैरो पे छाले न पड़े
की जो मैं सोचु वो मुराद मेरी पूरी हो जाए
की मुझे कभी कोई गम न मिले
कब ऐसा चाह मैंने
के इस तपती धुप मे भी मुझे छाया मिले
के हर परेशानी मे कोई मेरा सहारा बने
के हर कोई मेरे जज्बातों की क़द्र करे
के ये दुनिया मेरे साथ कठोर न बने
कब ऐसा चाह मैंनेमै हर रास्ते पर अकेला ही चला
मैं किसी परिस्थिति मे हिम्मत नहीं हारा
मै अपनी जिंदगी का निर्माता खुद हु
मैंने कभी भी सच से अपना मुह नहीं फेरा
हर दिन थकता, हर दिन गिरता, हर दिन उठता
मैंने न किसी से सहारा माँगा
न कभी किसी से सहारे की उम्मीद करी
नदी की धारा की तरह हर परिस्थिति के अनुसार अपने आप को ढालता रहा
बस मन मे अपने सपने लिए निकल पड़ा मै
रातो को जगता कभी
और कई राते करवटे बदलते गुजार देता
यह सपने मेरे अपने है
इन्होने मुझे सोने न दिया
यकीं है मुझे खुद पे
न ही रुकना जानता हु,न ही झुकना
इस जीवन के इम्तेहान मेबस जीतना जानता हु
बस जीतना जानता हु-Avinash Shahi~ Hindi Jazbaat~
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Hindi Poetry on Life,जितना है उतना काफी है
Hindi Poetry on Life,जितना है उतना काफी है
ख्वाहिशों का कहां अंत होता है,
सब कुछ कहां किसी को नसीब होता है,
जीवन की धारा के साथ जीना ही तो जीना है,
परिस्थितियां कहां हमारे बस में होती है,
जितना है उतना काफी है जिंदगी जीने के लिए !
हर खुशी किसी को कहां नसीब होती है,
उतार-चढ़ाव किसके जिंदगी में नहीं होता,
कौन ऐसा है जो परिस्थितियों से नहीं लड़ता,
बिना गिरे कौन भागना सीखता है,
बिना दुख के सुख का एहसास किसको होता है
मंजिल तक कहां पलक झपकते ही पहुचा जाता है !
यह दुनिया किसी को इतनी जल्दी कहां अपनाती है,
सच्चा प्यार इतनी आसानी से कहां मिलता है,
जितना है उतना काफी है जिंदगी जीने के लिए!
जितना है उतना काफी है आगे बढ़ने के लिए!
-Avinash Shahi~Hindi Jazbaat~
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Hindi Poetry on Zindagi,मेरी मजबूरी को समझो
Hindi Poetry on Zindagi,मेरी मजबूरी को समझो
मेरी मजबूरी को समझो,
मुझे झुकना नहीं आता,
कभी हार मानना नहीं आता,
परिस्थितियाँ कैसी भी हो,
मुझे टूटना नहीं आता!
मेरी मजबूरी को समझो
मैं कैसे अपने आप को दुनिया की तरह बदल लू,
मैं कैसे आसान रास्तों को ही चुन लू,
मैं कैसे झूठे लोगों से मुस्कुराहट लिए मिलू!
मेरी मजबूरी को समझो,
मुझे दुनिया की यह चकाचौंध अच्छी नहीं लगती,
मेरी चाहते कुछ अलग है,
मैं बस लोगों के चेहरे पर मुस्कुराहट चाहता हूं,
मुझे अच्छा लगता है किसी अनजान सफर पर निकल पड़ना
और कुछ अनजान लोगों से बातें करना!
मेरी मजबूरी को समझो
मैं जानता हूं पहले अपने आप को पाने के लिए इन राहों पर भटकना होगा,
संभलना होगा और अपने आपको खोना होगा!
मेरी मजबूरी को समझो
मैं इस दुनिया में कुछ अलग पहचान बनाने आया हूं,
मुझे प्यार के बंधन में ना बांधो,
बस मेरे साथ रहो,
मेरे साए की तरह,
मुझे पहले अपने आप को पा लेने दो,
अपना मकसद तलाश लेने दो,
कुछ अपनी पहचान बना लेने दो,!
मेरी मजबूरी को समझो!
मेरी मजबूरी को समझो!
Avinash Shahi~Hindi Jazbaat~
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Hindi Poetry on Life,मेरा यकीन करो
Hindi Poetry on Life,मेरा यकीन करो
हालातों से लड़ा जा सकता है…
अपने अंदर की खूबसूरती को निखारा जा सकता है…
खुश रहने के मायने तलाशे जा सकते हैं…
दूसरों के दिए गमों को भुलाया जा सकता है …
मेरा यकीन करो
अपनी नजरो में उठा जा सकता है…
लड़खड़ाते कदमों से भागा जा सकता है …
अपनी अच्छाई से दुनिया को बदला जा सकता है…
अपनी खुशियों को लोगों में बांटा जा सकता है…
सच्चाई के रास्तो पर चला जा सकता है …
अपने रिश्तो को संजोया जा सकता है…
मेरा यकीन करो
इस तपती धूप में भी छाया ढूंढ़ी जा सकती है…
धीरे धीरे भी आगे बढ़ा जा सकता है …
अपनी जिंदगी को एक और मौका दिया जा सकता है…
एक और बार प्यार किया जा सकता है…
किसी अपने के जिंदगी को सवारा जा सकता…
मेरा यकीन करो
रास्ते हम खुद बनाते हैं
रुकावटो को लांघा जा सकता है
अपने हाथों की लकीरों को झूठलाया जा सकता है
गिरकर दोबारा उठा जा सकता है
मेरा यकीन करो! मेरा यकीन करो!
-Avinash Shahi~Hindi Jazbaat~