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Emotional Hindi Poetry,दूर जा रहा है
Emotional Hindi Poetry,दूर जा रहा है
आज वह मुझे जिंदगी की बारीकियां सीखा के कहीं दूर जा रहा है….
मुझे अपना हुनर सीखा के, वो कहीं दूर जा रहा है….
जिंदगी के रास्तो की पहचान कराके, वो कही दूर जा रहा है….
मुझे अपना तजुरबा दे के, वो कही दूर जा रहा है….
शहर की इस भीड़ में भी अलग दिखने का तरीका, बता के वो कही दूर जा रहा है….
मुझे अपना जिंदगी जीने का अंदाज़ सीखा के वो कही दूर जा रहा है…
लोगों को परखने की अपनी वो अदा बता के वो कही दूर जा रहा है….
दुनिया को एक अलग नज़रिये से देखने का अपना वो हुनर दे के वो कही दूर जा रहा है…
वह मुझसे दूर तो जा रहा है पर….
मुझ में अपने आप को छोड़े जा रहा है…
वह मुझसे दूर तो जा रहा है पर….
अपनी छाप मुझ पे छोड़े जा रहा है…
वह मुझसे दूर तो जा रहा है पर….
इस तेज़ धूप में भी उसकी छाया मुझ पर है…
वह मुझसे दूर तो जा रहा है पर….
हर दम वो मेरे साथ है…
वह मुझसे दूर तो जा रहा है पर….
कभी ना हार मानने वाला अपना वो जुनून मुझे दिए जा रहा है…
क्या वह सच में मुझसे दूर जा रहा है !!!
या हर लम्हा वह मेरे साथ है साये की तरह!!!
-Avinash Shahi
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Emotional Hindi Shayari, बस तुम नहीं!…तुम्हारा प्यार नही!
Emotional Hindi Shayari, बस तुम नहीं!…तुम्हारा प्यार नही!
मैं कैसे तुम्हें दुनिया को सौंप दूं,
मैं कैसे तुम्हें भुला दूं!इन प्यार के रास्तों पर,
मैं रोज तपा हूं, बिखरा हूं, गिरा हूं
और अपने आप को संवारा हूं!आज जब मेरे पास सब कुछ है,
बस तुम नहीं!…तुम्हारा प्यार नही!-Avinash Shahi
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Hindi Motivational Poem,जिंदगी यूं ही चलती रही
Hindi Motivational Poem,जिंदगी यूं ही चलती रही
कुछ मिला और कुछ खो दिया
जिंदगी के सफर में…
और कुछ सपने अधूरे रह गए,
कुछ को पा लिया…
और जिंदगी यूं ही चलती रही
बहुत से लोग मिले सफर में….
कुछ दिल के करीब आ गए
कुछ ने हमें भुला दिया…
सोचा बहुत था…
हुआ कुछ …
ठोकरे मिलती रही…
कई रिश्ते बने…
कई टूट गए…
कुछ रिश्ते आज भी साथ हैं…
और जिंदगी यूं ही चलती रही
दिल पर कई चाहतों का बोझ लिए …
मैं आगे बढ़ता रहा…
चाहत बहुत कुछ पाने की थी..
मिला वही जो जरूरी था …
और जिंदगी यूं ही चलती रही
पैसा कमाने की होड़ में कई गलतियां कर बैठा ..
ना चाह कर भी कुछ अपनो का दिल दुखा बैठा……
सीखता रहा, मैं भी जिंदगी के इस सफर में
देखता रहा, मैं भी बदलते चेहरे लोगो के …
सीख गया, मैं भी अब जिंदगी जीने का तरीका…
सही गलत में फर्क करना, और रिश्तो को निभाना…
और जिंदगी यूं ही चलती रही…
-Avinash Shahi
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Motivational Hindi Poetry on Life,आखिर एक ही तो जिंदगी थी
Motivational Hindi Poetry on Life,आखिर एक ही तो जिंदगी थी
जिस दिन उसने कहा कि मैं तुमसे दूर जाना चाहती हूं,
मैंने उसे रोकने की कोशिश नहीं की!जिस दिन उसने कहा तुम्हारे साथ मुझे अब अच्छा नहीं लगता,
मैंने उसे थामने की कोशिश नहीं की!
जिस दिन लोगों ने कहा कि तुम कुछ कर नहीं सकते,
मैंने उनको जवाब देने की कोशिश नहीं की!
जिस दिन लोगों ने कहा इन रास्ते पर चलकर तुम मंजिल तक नहीं पहुंच पाओगे,
मैंने अपना रास्ता नहीं बदला!जिस दिन लोगों ने कहा कि, तुम्हारे अंदर इतनी काबिलियत नहीं है,
मैंने स्वय पर विश्वास रखा और उन्हें जवाब देने की कोशिश नही की!जिस दिन लोगों ने कहा, तुम बड़े शहर तो जा रहे हो
पर वहां कुछ कर नहीं पाओगे,मैंने अपने सपने नहीं छोड़े!
बहुत से लोगों ने मुझे गिराने की कोशिश की,
पर मैंने अपना धैर्य नहीं खोया!
आखिर एक ही तो जिंदगी थी, वफाएं किस किस से करते!
अपने आप से ,अपने सपनों से, अपनी काबिलियत से, अपनी सच्चाई से..
या दूसरों की सोच से या फिर रास्तो पे आने वाली रुकावटो से!!!!!
-Avinash Shahi
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Motivational Hindi Poetry,जिंदगी बता तुझे और क्या चाहिए?
जिंदगी बता तुझे और क्या चाहिए?(Motivational Hindi Poetry)
जिंदगी मै आज तुझ से पूछ रहा हूं तुझको मुझसे क्या चाहिए ?
मेरे पास देने के लिए सिर्फ अपनी मेहनत है
मेरे पास देने के लिए सिर्फ अपने सच्चे जज्बात है
मेरे पास देने के लिए….आगे बढ़ते रहने की इच्छाशक्ति है
मेरे पास देने के लिए अपने सच्चे अरमान है
मेरे पास देने के लिए हालातो से लड़ते रहने की अपनी ताकत है
मेरे पास देने के लिए कभी ना हार मानने वाला जज्बा है
मेरे पास देने के लिए अपने कुछ सपने हैं
जिन को पूरा करने के लिए मैं दिन-रात लगा रहता हूं
मेरे पास देने के लिए अपने कुछ अनुभव है
जिंदगी बता तुझे और क्या चाहिए ?क्या चाहिए?
-Avinash Shahi
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Hindi Poetry on Life, मेरा गाँव
मेरा गाँव(Hindi Poetry on Life)
नौकरी की तलाश में मैं शहर तो आ गया था…
पर मेरा दिल अब भी वही मेरे गांव में था…
यहां लोगों के बीच चलते हुए भी मैं अकेला था..
पता नहीं मुझे ऐसा क्यों लग रहा था कि हर आंख मुझे ही परख रही है…
हर एक शख्स पता नहीं जिंदगी की किस भागा दौड़ी में भागे चले जा रहा था…..
बस अपने सर को झुकाए हुए…चले जा रहा था…
मुझे कहीं ना कहीं ऐसा लग रहा था की…
वह भी मेरी तरह अपनी जिंदगी में कुछ समझौते कर रहा हैं…..
ये जिंदगी भी कितनी बड़ी कीमत लेती है आगे बढ़ने की…
मैं शहर तो आ तो गया था पर मेरा दिल अब भी…
वही मेरे गांव में था…
-Avinash Shahi